उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का दूसरा कार्यकाल का समय कैसा होगा, जाने ज्योतिषीय आंकलन✍🏻: पंकज झा शास्त्री

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का दूसरा कार्यकाल का समय कैसा होगा, जाने ज्योतिषीय आंकलन✍🏻: पंकज झा शास्त्री


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

दूसरे कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ की छवि ‘दबदबे’ और ‘सख्त प्रशासक’ वाली बनेगी। ‘बुलडोज़र बाबा’ की अपनी छवि को भुनाते हुए चुनाव जीतने वाले योगी प्रदेश में माफिया और अपराधियों पर कानूनी कार्यवाही और तेज़ कर सकते हैं।



योगी आदित्यनाथ का कुछ विवादों से सामना हो सकता है जिससे भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनसे कुछ रुष्ट भी हो सकता है।

ज्योतिष डेस्क बिहार/उत्तरप्रदेश ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 मार्च, 2022)।  मिली जानकारी अनुसार 05 जून 1972 को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्मे योगी आदित्यनाथ का जन्म लग्न सिंह है तथा चंद्र राशि कुंभ है।

सप्तम भाव में केमद्रुम के चंद्रमा पर दशम भाव (कर्म स्थान) से पड़ रही शनि की दृष्टि ने उनको बेहद कम आयु में संन्यासी बना दिया। वर्तमान में द्वादश भाव में बैठे केतु की दशा में पंचम भाव में बैठे गुरु की अंतरर्दशा अक्टूबर 2022 तक उनके लिए शुभ है। किंतु बाद में 15 अक्टूबर 2022 से 24 नवंबर 2023 तक केतु में शनि की प्रतिकूल दशा में योगी आदित्यनाथ का कुछ विवादों से सामना हो सकता है जिससे भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनसे कुछ रुष्ट भी हो सकता है।


योगी की वर्गोत्तम सिंह लग्न की शपथ ग्रहण कुंडली में चंद्रमा पंचम भाव में बैठे हैं जिसके स्वामी गुरु सप्तम भाव में होकर लग्न को देख रहे हैं। मेदिनी ज्योतिष में पंचम भाव, शिक्षा संस्थानों, प्रजनन दर, मनोरंजन और पर्यटन से रोजगार, मंत्रियों के कामकाज आदि के लिए देखा जाता है। ऐसे में अपने दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्री परिषद में बड़े बदलावकर शिक्षा, पर्यटन और प्रदेश की जनसंख्या को लेकर नयी नीति बना सकते है। प्रदेश में आबादी बढ़ने की दर को कम करने की नीति पर तेज़ी से प्रयास हो सकते है।। शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार उत्तरप्रदेश में तेज़ी से बढ़ सकता है।


योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के समय शुक्रवार, कृष्ण अष्टमी तिथि, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र तथा वरियन योग उपस्थित रहा। धनु राशि में चन्द्रमा का ‘पूर्वाषाढ़ा’ जैसे उग्र नक्षत्र में होना तथा शपथ ग्रहण के समय अष्टमी तिथि तथा पाप ग्रह ‘शनि’ की होरा होना, उनको अपने दूसरे कार्यकाल में पहले से अधिक आक्रामक बनाएगी। इससे विपक्ष में समाजवादी पार्टी से उनका टकराव और तेज़ होगा।

शपथ ग्रहण कुंडली में लग्नेश सूर्य अष्टम भाव में है जहां धन और लाभ भाव के स्वामी बुध भी सूर्य के साथ हैं जिस पर शनि की प्रतिकूल दृष्टि है। यह प्रतिकूल ग्रह स्थिति प्रदेश में महामारी या किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि का ज्योतिषीय योग बना रहा है।


इनकी शपथ ग्रहण कुंडली पर नजर डालें तो उसमें सिंह लग्न उदित हो रहा है। इस शपथ ग्रहण कुंडली में छठे भाव में बैठे दशमेश शुक्र, षष्ठेश शनि और योगकारक मंगल की युति है। ऐसे में अपने दूसरे कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ की छवि ‘दबदबे’ और ‘सख्त प्रशासक’ वाली बनेगी। ‘बुलडोज़र बाबा’ की अपनी छवि को भुनाते हुए चुनाव जीतने वाले योगी प्रदेश में माफिया और अपराधियों पर कानूनी कार्यवाही और तेज़ कर सकते हैं।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा पंकज झा शास्त्री की ज्योतिष विचार प्रकाशित व प्रसारित।

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित