वैवाहिक जीवन अधिकतर टूटने या टूटने के कगार पर होने का कारण आजकल अधिकतर विवाह शुभ मुहूर्त में नहीं होना : पंकज झा शास्त्री

 वैवाहिक जीवन अधिकतर टूटने या टूटने  के कगार पर होने का कारण आजकल अधिकतर विवाह शुभ मुहूर्त में नहीं होना : पंकज झा शास्त्री


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


हिंदू परंपराओं में विवाह सात जन्मों के वचन फेरे के साथ होता था लोगो का वैवाहिक जीवन बना रहता था। विवाह शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए, जिससे दंपति जीवन को बहुत हद तक अलगाव होने से रोका जा सकता है: पंकज झा शास्त्री

मधुबनी, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 09 मई, 2022)। आजकल कई दंपती के वैवाहिक जीवन टूट रहे है या टूटने के कगार पर होते है, इसका कई कारण हो सकता जो अध्यन पर ही कुछ कहा जा सकता है। परंतु फिर भी वैवाहिक जीवन अधिकतर टूटने या टूटने  के कगार पर होने का कारण आजकल अधिकतर विवाह शुभ मुहूर्त में नही होता है।

अपने सुविधा अनुसार ही लोग विवाह कर रहे है, पहले एसा नही होता था समय पर दरवाजे पर बारात लेकर बर पहुंच जाता था समय शुभ मुहूर्त में विवाह संपन्न होता था।
हमारे हिंदू परंपराओं में विवाह सात जन्मों के वचन फेरे के साथ होता था लोगो का वैवाहिक जीवन बना रहता था।


विवाह शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए, जिससे दंपति जीवन को बहुत हद तक अलगाव होने से रोका जा सकता है। आज इतना समय का बदलाव हुआ कि घर की स्त्री बाहर डीजे और अश्लिल गीत पर विवाह में थिरकते हुए नजर आती है और बाहर से मर्द (हलवाई) घर में खाना बनाने आता है।

देर रात नाच तामासा में बीतता है, और बहुत कम समय के लिए दूल्हा दुल्हन विवाह मंडप पर बैठते है। पंडित, पुरोहित जी भी क्या कर सकते है, समय का अभाव होता है, या यह सकते है पूरा विवाह पद्धति पढ़ने हेतु बहुत कम समय होता है, जिस कारण पुरोहित, पंडित जी कम समय के कारण मजबूरन विवाह पद्धति संक्षिप्त पढ़ते है, इतना ही नहीं कई बार तो  खुलेआम दूल्हा दुल्हन द्वारा पंडित, पुरोहित जी को कहा जाता है कि जितना जल्दी हो सके विवाह संपन्न करा दीजिए।

हमारे हिंदू समाज में तलाक या अलगाव दंपति में नही होता था लेकिन आज तलाक, अलगाव दंपति के बीच बहुत तेजी से बढ़ रही है।
मैं फिर से कह रहा हूं विवाह शुभ मुहूर्त में ही करना उचित होगा। उपरोक्त विचार ज्योतिष पंकज झा शास्त्री 9576281913 द्वारा प्रेस कार्यालय को दिया गया।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।

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