गणेशोत्सव पूजन समारोह विशेष: बुधवार के दिन गणेश पुजनोत्सव आरम्भ अति शुभ फलदाई : ✍🏻 पंकज झा शास्त्री

 गणेशोत्सव पूजन समारोह विशेष:

बुधवार के दिन गणेश पुजनोत्सव आरम्भ अति शुभ फलदाई : ✍🏻 पंकज झा शास्त्री

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


पंचांंग के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए प्रात:काल 10:27 से दोपहर 12:02 बजे के बीच सबसे उत्तम योग बन रहा है:पंकज झा शास्त्री

अध्यात्म डेस्क/मधुबनी/दरभंगा/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 31 अगस्त,2022 )। मधुबनी निवासी पंकज झा शास्त्री की ज्योतिष शास्त्र विचार अनुसार गणेशोत्सव पूजन समारोह की शुभ मुहूर्त इत्यादि कब है और किस समय पूजन करना शुभ है।


👉🤳किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान श्री गणेश जी की पूजा से की जाती है, बल्कि किसी शुभ शुरुआत को ही श्री गणेश करना कहा जाता है. गणों के स्वामी होने के कारण जिन्हें देवाधिपति गणपति कहा जाता है, उनसे जुड़ा पावन पर्व इस साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी यानि 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा । 

इसी पावन तिथि से गणपति बप्पा के 10 दिनी उत्सव की शुरुआत होती है, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी को होता है। जीवन से जुड़े कष्टों को दूर और सभी मनोकामनाओं को पलक झपकते पूरा करने वाले ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश की गणेश चतुर्थी पर निष्ठा के साथ समर्पित होकर पूजा करना चाहिए।


👉🤳पूजा से पहले करें ये तैयारी
गणेश चतुर्थी पर आप गणपति की साधना शांत मन से कर सकें, इसके लिए आपको सबसे पहले पूजा से जुड़ी सभी सामग्री जैसे – फल, लाल फूल, दूर्वा, कलश, गंगाजल, चौकी, लाल या पिला वस्त्र, रोली, मोली, चंदन, जनेऊ, सिन्दूर, सुपारी, पान, लौंग, इलायची, नारियल, मोदक,पंचमेवा, शुद्ध घी का दीया, धूप, कपूर आदि रख लें।

👉🤳मान्यता है कि गणपति का जन्म दोपहर के समय हुआ था, इसलिए 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी की पूजा इसी समय करना अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी जाएगी ।

पंचांंग के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए प्रात:काल 10:27 से दोपहर 12:02 बजे के बीच सबसे उत्तम योग बन रहा है ।

अत: गणपति के भक्तों को उनकी इसी समय विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार चौठ तिथि दि 02:04 तक।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा पंकज झा शास्त्री की मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार ज्योतिष विचार प्रकाशित व प्रसारित।

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