नवरात्रि विशेष :- माँ कात्यायनी के शक्ति का महत्त्व : मां दुर्गा के नौ रूपों में छठा रूप कात्यायनी देवी का है: पंकज झा शास्त्री

 नवरात्रि विशेष :- माँ कात्यायनी के शक्ति का महत्त्व : मां दुर्गा के नौ रूपों में छठा रूप कात्यायनी देवी का है: पंकज झा शास्त्री


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


महर्षि कात्यायन ने देवी को अपनी कन्या माना था, तभी से उनका नाम 'कात्यायनी' पड़ गया। कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति होती है प्राप्त

अध्यात्म डेस्क दरभंगा\ मधुबनी\ समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 सितंबर, 2022 )। नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति देवी कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। यजुर्वेद में प्रथम बार 'कात्यायनी' नाम का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए आदि शक्ति देवी के रूप में महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई थीं।
माँ कात्यायनी, माता के षष्ठ स्वरूप कात्यायनी का है। 


महर्षि कात्यायन ने देवी को अपनी कन्या माना था, तभी से उनका नाम 'कात्यायनी' पड़ गया। कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति प्राप्त होती है। कात्यायनी मां को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा गया है। मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं और इनकी सवारी सिंह है।

महिषासुर नामक असुर का वध करने वाली माता भी यही हैं। पंडित पंकज झा  शास्त्री ने बताया कि
महिलाओं के विवाह से सम्बन्ध होने के कारण इनका भी सम्बन्ध बृहस्पति से है।
👉🌹दाम्पत्य जीवन से सम्बन्ध होने के कारण इनका आंशिक सम्बन्ध शुक्र से भी है।
👉🌹शुक्र और बृहस्पति, दोनों दैवीय और तेजस्वी ग्रह हैं, इसलिए माता का तेज भी अद्भुत और सम्पूर्ण है।

कात्यायनी 👉महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।👈


पूजन के बाद बेर के पेड़ के पुष्‍प चढ़ाने से मां की कृपा प्राप्‍त होती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्‍त होती है।
जहाँ माँ दुर्गा कि प्रतिमा बनाकर पूजा होती है उस स्थान के विद्वान  पंडित द्वारा इस दिन बेलनौती की  प्रक्रिया पूरा किया जाता है। माना जाता है विल्व वृक्ष पर माँ  दुर्गा का वास है जिस से इनको विधिवत  निमंत्रण दिया जाता है।


उपरोक्त अध्यात्म विचार पंकज झा शास्त्री द्वारा वाट्सएप माध्यम से दिया गया।
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।

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