दो से अधिक जीवित पालकों के पिता को नगर पालिका आम चुनाव लड़ना हुआ मुश्किल हो सकती हैं उनकी अभ्यर्थी पत्र दाखिल होने पर समीक्षा उपरांत रद्द आयोग ने की घोषणा जारी

 दो से अधिक जीवित पालकों के पिता को नगर पालिका आम चुनाव लड़ना हुआ मुश्किल हो सकती हैं उनकी अभ्यर्थी पत्र दाखिल होने पर समीक्षा उपरांत रद्द आयोग ने की घोषणा जारी


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


आयोग द्वारा जारी किया गया नगर पालिका चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के नाम अयोग्यता करार अधिनियम लागू

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 13 सितंबर, 2022 ) । नगर पालिका आम निर्वाचन 2022 के अभ्यर्थियों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी करते हुऐ दो से अधिक त्रजीवित पालकों के पिता किसी भी क्षेत्र से पार्षद के उम्मीदवार नहीं हो सकते है ।

आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना मुताबिक जिला नगर पालिका निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी के आदेशानुसार जिला सूचना एंव जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा दी गई जानकारी मुताबिक बताया जाता है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 की धारा ( 1 ) के खंड , ड ) के अधीन अयोग्यता दो से अधिक संतान को प्रवृत किए जाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया है।

बताते हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग बिहार के सचिव अहिभूषण पाण्डेय द्वारा सभी जिलों के जिलाधिकारी को प्रेसित पत्र संख्या न० नि० 50 - 02/2008=880 दिनांक 05 जून=2009 का हवाला देते हुए सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका)सह जिला दण्डाधिकारी को सूचित करते हुए कहा है की नगरपालिका निर्वाचन के संदर्भ में बिहार नगरपालिका अधिनियम २००७ की धारा १८ की उप धारा (१)के खंड (ड ) में उल्लेखित अयोग्यता "दो से अधिक जीवित संतान रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए) को प्रवृत किए जाने के संबंध में सम्म विचारोपरांत आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि दिनांक ०४.०४.२००८ को या इससे पूर्व दो से अधिक जीवित संतान रखने वाले व्यक्ति द्वारा पार्षद के पद पर निर्वाचन हेतू नामांकन पत्र दाखिल किया जाता है तो उसके नामांकन पत्र को संतान की संख्या के आधार पर अस्वीकृत नहीं किया जाएगा।

उक्त अधिनियम की धारा १८ (१)(ड)के प्रावधान ०४.०४.२००८ के बाद प्रवृत होते हैं। अंत: किसी भी व्यक्ति के जीवित संतान की संख्या दो से ज्यादा हो जिसमें एक या एक से अधिक का जन्म ० " ०४.२००८ के पश्चात हुआ हो तो वह व्यक्ति नगरपालिका के किसी पार्षद पद पर निर्वाचन के अयोग्य पाया जाएगा व उसका नामांकन पत्र  अस्वीकृत कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में आयोग के पत्रांक २२२१ दिनांक १४.०८.२००८ एंव पत्रांक २९६४ दिनांक ०१.११.२००८ से कुछ जिलों में इस संबंध में भेजे गए दिशा निर्देश निष्प्रभावी माने जाएंगे ।

बिहार सचिव ने सभी पदाधिकारियों से अनुरोध करते हुए कहा है कि आयोग के उक्त निर्णय से सभी संबंधित पदाधिकारियों को शीघ्र सम्मन करा दिया जाए। उपरोक्त आदेश निर्देश दिया गया।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित।

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