उजियारपुर प्रखंड में आंगनवाडी सेविकाओं को नहीं मिलती है सीडीपीओ के सामने सम्मान, जमीन पर बैठती है बैठक में सेविकाएं

 उजियारपुर प्रखंड में आंगनवाडी सेविकाओं को नहीं मिलती है सीडीपीओ के सामने सम्मान, जमीन पर बैठती है बैठक में सेविकाएं


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


बैठक में सीडीपीओ खुद बैठती है शानदार कुर्सी पर जबकि सेविका को जमीन पर है बैठाती

उजियारपुर/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 सितंबर,2022)। उजियारपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय के पदाधिकारी, सीडीपीओ रीता सिन्हा के द्वारा कार्यालय के सभागार में, प्रखंड क्षेत्र की सेविकाओं के साथ की गयी बैठक की एक विडियो सामने आई है।


जिसमें सीडीपीओ रीता सिन्हा तथा महिला सुपरवाइजर, शानदार कुर्सी पर विराजमान हैं, वहीं सभी सेविकाएं नीचे जमीन पर बैठी हुई है। आखिर ऐसा क्यों..?? जब बिहार सरकार प्राथमिक विद्यालय के सबसे निचली कक्षा, प्रथम वर्ग में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बेंच, डेस्क, पीने के पानी, खाने के लिए पौष्टिक आहार आदि का व्यवस्था करती है तो, फिर इन सेविकाओं के लिए बैठने के लिए एक कुर्सी की व्यवस्था क्यों नही की जा रही है..??


क्या यह सेविकाएं इंसान नही हैं..??
क्या यह सेविकाएं अगर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास काम करती हैं तो  इनकी कोई प्रतिष्ठा नही है क्या ?
क्या ऑफिस में काम करने वाले पदाधिकारियों का ही सम्मान व प्रतिष्ठा है. ??
इन सेविकाओं के साथ सीडीपीओ उजियारपुर रीता सिन्हा का ऐसा व्यवहार क्यों है.?? ऐसा नही है कि, सेविकाएं इसका विरोध नही करती हैं । लेकिन दिक्कत यह है कि जो सेविका किसी तरह का विरोध करेंगी तो  उसके केन्द्र का निरीक्षण रोजाना शुरू कर दिया जाएगा, कभी सीडीपीओ के द्वारा तो कभी महिला सुपरवाइजर के द्वारा। इस क्रम में तो सबसे पहले सेविका का आर्थिक शोषण किया जाता है, फिर मानसिक शोषण की भी शुरूआत कर दी जाती है।


कुछ सेविकाओं ने नाम नही बताने के शर्त पर बताया कि, जिस दिन वह लोग सीडीपीओ मैडम के खिलाफ जाएंगी, उस दिन से सीडीपीओ मैडम तथा सुपरवाइजर दोनों मिलकर उनलोंगों का जीना मुश्किल कर देंगी। रोजाना बेवजह केन्द्र का निरीक्षण करने लगेंगी और जिस दिन थोड़ा-बहुत भी गड़बरी नजर आया, चयनमुक्ति का अनुशंसा करके जिलाधिकारी महोदय को पत्र भेज देंगी।
इसलिए वह तथा इस परियोजना की सभी सेविकाएं चुप रहने में हीं अपनी भलाई समझती हैं। आपको बता दें कि, अगर सेविकाओं के प्रति उजियारपुर सीडीपीओ की नियत साफ रहती तो वह पंचायत समिति भवन के सभागार में भी सेविकाओं के साथ बैठक कर सकती थीं।

वहां किसी चीज की कोई कमी भी नही रहती है। पंचायत समिति भवन परिसर में रौशनी, पंखा, पानी, कुर्सी आदि सभी भरपुर मात्रा में उपलब्ध रहता है, लेकिन वह ऐसा करेंगी नहीं क्योंकि सेविकाओं के प्रति उनकी नियत ही साफ नही है। 


वहीं अब यह एक दुसरी तस्वीर देखिए, जिसमें सामने प्रखंड विकास पदाधिकारी उजियारपुर डॉ भृगुनाथ सिंह बैठे हैं, तथा उनके बायीं तरफ सामने सीडीपीओ उजियारपुर रीता सिन्हा बैठी हुई हैं, बांकी सभी महिला सुपरवाइजर है। अब यहां सोचने वाली बात यह है कि, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड स्तर के सबसे वरीय पदाधिकारी होते हैं लेकिन एक वरीय पदाधिकारी होते हुए भी एक महिला का उन्होंने सम्मान किया।


सभी महिला पदाधिकारियों को अपने कार्यालय में कुर्सी पर बिठाया फिर बैठक किए तथा बैठक के अंत में सभी महिला पदाधिकारियों को समोसा, मिठाई, नमकीन आदि का नाश्ता कराकर बैठक समाप्ति का उन्होंने घोषणा किया। अब आप यहां यह सोचिए कि, एक उजियारपुर बीडीओ हैं जो एक बैठक किए तो सभी पदाधिकारियों को इतना सम्मान दिए और दुसरी तरफ सीडीपीओ उजियारपुर हैं जो एक महिला होते हुए भी दुसरी महिलाओं को सम्मान नही दिए। जबकि विभागीय बैठक में खर्च की गयी राशि का वाउचर भी जिला को भेजा जाता है।

लेकिन बैठक में सेविकाओं को बिसलेरी का पानी तो छोड़ दिजिए, चापाकल का पानी भी सीडीपीओ उजियारपुर के द्वारा उपलब्ध नही कराया जाता होगा। हालांकि वरीय पदाधिकारी को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए, संबंधित पदाधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सेविकाओं के मान सम्मान की रक्षा निरंतर होती रहे, वही आंगनवाडी सेविकाओं के सम्मान में उठाए गए हर एक कदम की खबर देखते रहने के लिए जुड़े रहें जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन माध्यम से हम बदहाल स्थिति से सुदृढ़ स्थिति का अवलोकन आप सभी दर्शकों को कराता रहूंगा जब तक कि सुधार पूर्णरूपेण नहीं हो जाए।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से संवाद सूत्र की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।

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