दुर्गा पुजा विशेष- स्कंद माता के पूजन का महत्व : दुर्गा के पंचम स्वरूप को स्कन्द माता के नाम से जाना जाता है : पंकज झा शास्त्री
दुर्गा पुजा विशेष- स्कंद माता के पूजन का महत्व : दुर्गा के पंचम स्वरूप को स्कन्द माता के नाम से जाना जाता है : पंकज झा शास्त्री
जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता का पूजन करने से आपको उनका आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है, साथ ही बुध की साकारात्मक ऊर्जा की भी होती हैं प्राप्ति : पंकज झा शास्त्री
अध्यात्म डेस्क/दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 सितंबर, 2022)। स्कंद माता का हिन्दू धर्म में तो विशेष महत्व बताया ही गया है, साथ ही ज्योतिष विज्ञान में भी विशेष स्थान प्राप्त है।
बुध ग्रह को नियंत्रित करने वाली देवी होने के चलते देवी मां के संबंध में मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा-आराधना पूरे विधि विधान से करने पर जातक के बुध ग्रह से संबंधित सभी दोष और बुरे प्रभाव शून्य या फिर समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता का पूजन करने से आपको उनका आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है, साथ ही बुध की साकारात्मक ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि देवी की कृपा से वंश आगे बढ़ता है और संतान संबधी सारे दुख भी दूर हो सकते हैं। घर-परिवार में हमेशा खुशहाली रहती है। कार्तिकेय की पूजा से मंगल भी मजबूत होता है।
नवरात्र में पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां को नीले रंग के पुष्प चढ़ाने से मां प्रसन्न होती हैं और संतान की प्राप्ति की प्रबलता बढ़ती है।
ॐ स्कन्दमात्रै नम:।।'
उपरोक्त अध्यात्म विचार पंकज झा शास्त्री द्वारा दिया गया।
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।
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