न्याय के प्रतीक रूप में ब्रह्माण्ड न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज को न्यायालय में स्थापित कराने हेतू देवरिया से दिल्ली तक निकाली जाएगी ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’

 न्याय के प्रतीक रूप में ब्रह्माण्ड न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज को न्यायालय में स्थापित कराने हेतू देवरिया से दिल्ली तक निकाली जाएगी  ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


नवरात्र के प्रथम दिन से भगवान भोलेनाथ, श्रीराम दरबार एवं मा ँ मनकामनेश्वरी काली सहित भगवान श्री चित्रगुप्त जी के पूजन अर्चन के बाद ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ प्रारम्भ किया जायेगा : सुशील सिन्हा

देवरिया, उत्तरप्रदेश ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 सितंबर, 2022)। स्वतंत्र भारत देश में न्याय के प्रतीक रूप में ब्रह्माण्ड न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्त जी को स्थापित कराने, सर्वजन को अपने-अपने लेखनी(कलम) पूजन के लिए जागृत और प्रेरित करने तथा देश के सभी न्यायालयो , देवालयों तथा विद्यालयों में लेखनी के देवता लिपि के आविष्कारक चराचर जगत के कर्मफल का लेखा-जोखा रखने वालेे तथा अकाल मृत्यु से सम्पूर्ण जीवों की रक्षा करने वाले भगवान श्री चित्रगुप्त जी की मूर्ति स्थापित कर कलम पूजन कराने के लिए प्रेरित करने उद्देश्य से भगवान श्री चित्रगुप्त धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा अपने मुख्यालय अहिरौली लाला, सलेमपुर, देवरिया उ0प्र0 से कल दिनांक 26-09-2022 नवरात्र के प्रथम दिन से भगवान भोलेनाथ, श्रीराम दरबार एवं मा ँ मनकामनेश्वरी काली सहित भगवान श्री चित्रगुप्त जी के पूजन अर्चन के बाद ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ प्रारम्भ किया जायेगा।

यह ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, हरदोई, शाहजहाँपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद होते हुए दिनांक 26-10-2022 ;भैया दूज, कलम (लेखनी) एवं भगवान श्री चित्रगुप्त पूजन) को इण्डिया गेट नई दिल्ली पहुँचेगा जहाँ सायंकाल 5ः00 बजे कलम ;लेखनीद्ध एवं भगवान श्री चित्रगुप्त पूजन के उपरान्त उक्त प्रकरण का मांग पत्र प्रशासन के सहयोग से महामहिम राष्ट्रपति महोदया को हस्तगत कराया जायेगा साथ ही अनुरोध किया जायेगा कि भगवान श्री चित्रगुप्त जी से सम्बन्धित अपमानजनक शब्दों तथा अशोभनीय एवं अश्लील दृश्यों से युक्त सभी प्रकार की फिल्मों पर रोक लगाया जायें।


उक्त जानकारी भगवान श्री चित्रगुप्त धर्मार्थ ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी सुशील सिनहा जो ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ का नेतृत्व कर रहे है ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दिया है ।

उन्होने बताया है कि विगत कई वर्षाें से भगवान श्री चित्रगुप्त धर्मार्थ ट्रस्ट स्वतंत्र भारत देश से कथित न्याय की देवी गुलामी की प्रतीक यूनानी समाज सेविका ‘‘डिकी’’ उर्फ ‘‘मात्’’ उर्फ ‘‘थेमीस’’ उर्फ ‘‘जस्टिसिया’’ को हटाकर उसके स्थान पर न्याय के प्रतीक रूप में ब्रह्माण्ड न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्त जी को न्याय के प्रतीक रूप में स्थापित कराने के लिए संघर्ष एवं जनजागरण कर रहा है। इस क्रम में पूर्व महामहिम राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति महोदय सहित विभिन्न राज्य सरकारों का पत्र जारी हुआ किन्तु कोई सकारात्मक ठोस परिणाम नही आया ।

इस समस्या को जनता के समक्ष रखने तथा महामहिम राष्ट्रपति महोदया के विचारार्थ प्रस्तुत करने के उद्देश्य से ट्रस्ट की कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार इस ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ का शुभारम्भ किया जा रहा है। क्षेत्रीय जनमानस का सहयोग और समर्थन प्राप्त करने के साथ यह ‘‘जनजागरण पदयात्रा’’ अपने उद्देश्यों को संदेश पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए निरन्तर आगे बढ़ेगा। इस पदयात्रा का प्रतिदिन 30 किलोमीटर की यात्रा तय करने का लक्ष्य है।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से संवाद सूत्र की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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