जीविका कार्यकर्ताओं को 15 हजार रूपये न्यूनतम मानदेय दें सरकार- बंदना सिंह

जीविका कार्यकर्ताओं को 15 हजार रूपये न्यूनतम मानदेय दें सरकार- बंदना सिंह

                       ऐपवा नेत्री बंदना सिंह

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट 


महिलाओं की ऋण माफी के लिए ऐपवा का धरना


जीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं/ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की परेशानी को लॉकडाउन ने बढ़ा दिया है ।उनके किश्त जमा नहीं हो पा रहे हैं और न ही ऋण मिल रहा है ।

ताजपुर/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 मई 2020 ) । जीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं/ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की परेशानी को लॉकडाउन ने बढ़ा दिया है ।उनके किश्त जमा नहीं हो पा रहे हैं और न ही ऋण मिल रहा है. लॉकडाउन अवधि में त्रृण वसूली नहीं करने के साथ ही ब्याज माफ करने की घोषणा सरकार की थी । लेकिन इस ओर भी सरकार द्वारा ध्यान नहीं देने से परेशान महिलाओं ने महिला संगठन ऐपवा के बैनर तले प्रखण्ड में मोतीपुर में शुक्रवार को एक दिवसीय धरना दिया । 

 इस दौरान जीविका मिशन एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़े महिलाओं का लोन माफ करने एवं जीविका कार्यकर्ताओं को 15 हजार रूपये न्यूनतम मासिक मानदेय देने की नारा लिखे तख्तियां, झंडे, फेसबूक हाथ में लिए जोर-जोर से नारे लगा रही थीं। मौके पर एक सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने किया ।
 मौके पर सांक्षा देवी, रीना देवी, लक्ष्मी देवी, सुबली देवी, रामदुलारी सिंह, सरिता देवी, संजु देवी, बेवी देवी, सुनीता देवी आदि उपस्थित रहीं।


  अपने अध्यक्षीय भाषण में बंदना सिंह ने कहा कि सरकार लाकडाउन अवधि में त्रृण वसुली पर रोक लगाने, व्याज माफ करने आदि की घोषणा की थी लेकिन इस दिशा में कोई कारबाई नहीं कर रही है। महिलाएं पैसे के आभाव में परेशान हैं । उन्हें नये लोन भी नहीं दिया जा रहा है । जीविका मिशन के कार्यकर्ताओं से सरकार कई तरह की काम लेती है पर घर-परिवार चलाने तक भी मानदेय नहीं देती है ।

सरकार का महिलाओं को सबल, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा महिलाओं के लिए छलावा है । ऐपवा नेत्री ने मांग पूरा नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी. कार्यक्रम में भाकपा माले से जुड़ी महिलाओं की भी भागीदारी  थी । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । 

Published by Rajesh kumar verma

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