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1 जून को गंगा दशहरा और 2 जून 2020 को निर्जला एकादशी- पंकज झा शास्त्री

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1 जून को गंगा दशहरा और 2 जून 2020 को निर्जला एकादशी- पंकज झा शास्त्री समस्तीपुर कार्यालय  दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 31 मई,20 )।  गंगा दशहरा के दिन गंगाजल से स्नान करना श्रेयस्कर होता है। लेकिन इस बार घर पर रहकर ही आपको यह पर्व मनाना होगा। इसके लिए नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें। फिर ॐ श्री गंगे नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए मां गंगे का ध्यान कर अर्घ्य दें। मां गंगा की पूजा करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा जरूर दें। इन दस प्रकार के पापों का हरण करती है मां गंगा: शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के इस पावन दिन गंगा जी में स्नान-ध्यान एवं पूजन-उपवास करने से व्यक्ति दस प्रकार के पापों से छूट जाता है। इनमें तीन प्रकार के दैहिक, चार वाणी के द्वारा किए हुए पाप एवं तीन मानसिक पाप शामिल है। गंगा में स्नान करते समय ”ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का स्मरण करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दान स्वरूप दस वस्तुओं का दान देना कल्याणकारी माना गया है। ऐ

🙏🌹सुप्रभात🌹🙏

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                                                           🙏🌹 सुप्रभात 🌹🙏                                            🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 दिनांक 31 मई 2020 दिन - रविवार* विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076) शक संवत - 1942 अयन - उत्तरायण* ऋतु - ग्रीष्म* मास - ज्येष्ठ* पक्ष - शुक्ल* तिथि - नवमी शाम 05:36 तक तत्पश्चात दशमी नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 01 जून रात्रि 03:01 तक तत्पश्चात हस्त* योग - वज्र शाम 04:31 तक तत्पश्चात सिद्धि* राहुकाल - शाम 05:25 से शाम 07:05 तक* सूर्योदय - 05:57 सूर्यास्त - 19:14 दिशाशूल - पश्चिम दिशा में व्रत पर्व विवरण - विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 💥रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)* रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)* 💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)* 💥 *स्कंद पुराण के

अपनी पेंटिंग के माध्यम से लाॅकडाउन का संदेश दे रही मुस्कान

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अपनी पेंटिंग के माध्यम से लाॅकडाउन का संदेश दे रही मुस्कान बछबाड़ा संवाददाता राकेश यादव की रिपोर्ट  बचपन से ही मेधावी छात्रा मुस्कान का रहा है पेंटिंग बनाने का शौक कोरोना कहर के बीच इसके संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हीं नहीं बल्कि छात्र-छात्राएं भी अपने-अपने तौर-तरीकों से लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। बछवाड़ा/बेगूसराय,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मई,2020 ) । कोरोना कहर के बीच इसके संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हीं नहीं बल्कि छात्र-छात्राएं भी अपने-अपने तौर-तरीकों से लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। जागरूकताओं के इस कड़ी  बछवाड़ा की एक मेधावी छात्रा मुस्कान का भी नाम गिना जा रहा है। जो लाॅक डाउन के क्रम में अपने घरों में रहकर खाली समयों का सदुपयोग कर पेंटिंग बनाकर लोगों को जागरूक कर रही है। मुस्कान नें बताया कि वह अपने खाली समय में पेंट , ब्रश व कार्डबोर्ड लेकर बैठ जाती है , और जागरूकता को लेकर अपनी दिमागी उपज के अनुसार पेंटिंग बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करती है। जहां उसकी पेंटिंग की सुन्दरता व बेहतरीन थिंकिंग को लेकर काफी ल

जिला प्रशासन के आदेश पर सब्जी विक्रेताओं से रक्त का नमूना कोरोना संक्रमण जांच के लिया गया

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जिला प्रशासन के आदेश पर सब्जी विक्रेताओं से रक्त का नमूना कोरोना संक्रमण जांच के लिया गया                      रक्त नमूूना संंग्रह दरभंगा ब्यूरो चन्दन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट  दरभंगा, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मई,20 ) । दरभंगा जिला प्रशासन के आदेश पर सब्जी विक्रेताओं से रक्त का नमूना कोरोना संक्रमण जांच के लिया गया । मिली जानकारी के अनुसार बहेरी प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र बहेरी में जिला अधिकारी के आदेशों पर बहेरी के कुछ सब्जी व्यवसायियों को लाकर कोरोना संक्रमण जांच के लिए रक्त का सैंपल लिया गया ।  जिसमें बहेरी अंचलाधिकारी, सीईओ विमल कुमार, बहेरी थाना अध्यक्ष राजन कुमार ने दल बल के साथ 20 सब्जी व्यवसायियों को लाए और उन लोगों का रक्त का सैंपल लिया । उन लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया । बहेरी के डॉक्टर चिकित्सा प्रभारी बीडी महतो ने उक्त जानकारी दिए ।  समस्तीपुर कार्यालय से चन्दन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।  Published by Rajesh kumar verma 

चले बिहारी शहर छोड़कर ------------------------------- बहुत उड़ाई जिसने खिल्ली, रोएंगे अब मुंबई, दिल्ली।

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चले बिहारी शहर छोड़कर ------------------------------- बहुत उड़ाई जिसने खिल्ली, रोएंगे अब मुंबई, दिल्ली।   @Nagendra pd. Sinha बहुत उड़ाई जिसने खिल्ली, रोएंगे अब मुंबई, दिल्ली। जिनके बल उद्योग खड़े थे,  हरियाणा, पंजाब हरे थे। अन्न उगाए नहर खोदकर,  चले बिहारी शहर छोड़कर। भरपूर किए कर्मी का शोषण, कैसे मिलता तन को पोषण। लाभांश मांग पर उन्हें चेताया,  कुछ कर्मी को छांट दिखाया। दिखा रहे थे अकड़, बोलकर ।  चले बिहारी शहर छोड़कर। इनकी गर मजबूरी थी, तो तेरी भी मजबूरी थी। दोनों की ही आवश्यकता,  दोनों से होती पूरी थी। पर रख न पाए इन्हें रोककर,  चले बिहारी शहर छोड़कर । लेकिन केवल इनको ही, मजबूर समझते आए थे। वेतन कम निर्धारित कर, तुम इनका हिस्सा खाए थे। सुनो, सुनो श्रुतिपटल खोलकर,  चले बिहारी शहर छोड़कर। सर पर चढ़कर नाच किये थे।  दस के बदले पांच दिये थे। मूल्य माल का दस का सत्तर,  खून चूसते बनकर मच्छर। वे काम किये थे कमर तोड़कर,  चले बिहारी शहर छोड़कर। कोरोना ने उन्हें चेताया,   मर जाओगे भूखे भाया। जिनको तुम पर तरस न आई,  दे पाएंगे क्या वो छाया। घर भागो हे सबल, दौड़कर।  चले बिहारी शह

"अमेरिका का डब्ल्यूएचओ से नाता तोड़ने का कारण क्या है?"

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"अमेरिका का डब्ल्यूएचओ से नाता तोड़ने का कारण क्या है?" .                                                    क वि विक्रम क्रांतिकारी                                                  दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता आखिर कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से सारे संबंधों को तोड़ दिया दोस्तों पिछले महीने से चीन और अमेरिका के बीच में चल रहे शीत युद्ध जिसका कारण था कि कोरोना वायरस के कारण हो रही मौतों के लिए ट्रंप ने पूरी तरह से चीनी को जिम्मेवार ठहराया और डब्ल्यूएचओ को बोला कि चीन के इशारे पर यह काम कर रहा है l समस्तीपुर कार्यालय  नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मई,2020 ) । आखिर कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से सारे संबंधों को तोड़ दिया और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा करते हुए आरोप भी लगाया कि डब्ल्यूएचओ पूरी तरह से चीन के इशारे पर काम कर रहा है ,और बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने में डब्ल्यूएचओ पूरी तरह से नाकाम रहा है, इसलिए हम व

पहले प्रशासन ने रोजी रोटी छीनी, अब प्रकृति ने सर से छत छीनी

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पहले प्रशासन ने रोजी रोटी छीनी, अब प्रकृति ने सर से छत छीनी                छत विहीन हुऐ मजदूर की दर्द स्पेशल रिपोर्ट मथुरा उत्तर प्रदेश ब्यूरो डॉ केशव आचार्य गोस्वामी की रिपोर्ट मथुरा,उत्तरप्रदेश ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मई,2020 )। प्रकृति का प्रकोप जब आता है तो गरीब लोगों की कराह निकलते लेकिन सुनने वाला कोई नही होता है । जिसका जीता जागता उदाहरण बीती रात देखने को मिला । जब एक बुजुर्ग दम्पति परिवार जिसकी रोजी रोटी प्रशासन की विकास की योजना के चलते छीनी हुई थी । कल आये भयंकर आंधी तूफान से बचने के लिए अपने घर के अंदर महफूज समझ रहा था । लेकिन पड़ोसी की दीवार छत पर गिरने से छत भरभरा कर ढ़ह गई । जिससे अब घर  विहीन हो गया है । प्राप्त विवरण के अनुसार जनपद के राधाकुंड कस्बे के समीप ओंकार नाथ दुबे अपनी पत्नी के साथ रहते हैं, जो एक छोटी से चाय की दुकान चलाकर अपना जीवन यापन करते थे । परन्तु एनजीटी के आदेश पर रोड निर्माण कार्य के चलते चाय की दुकान हाथ से समाप्त हो गई और बेरोजगार हो गए फिर यह लॉक डाउन लागू हो गया । जिसमें जैसे तैसे जीवन चल रहा था, परन्