मंदिर मुकुत मुखारबिंद में घोटाले बाजों को वरदान साबित हुआ लॉकडाउन

मंदिर मुकुत मुखारबिंद में घोटाले बाजों को वरदान साबित हुआ लॉकडाउन 

करोड़ों करोड़ों रुपए के फर्श को भ्रष्टाचार करने के लिए तोड़फोड़ कर पुन: किया भारी घोटाला

वादी प्रतिवादी एवं ठोकदार है भ्रष्टाचार में शामिल

डेढ़ वर्ष की बच्ची को भी बना दिया पेंशन का हकदार

एसआईटी जांच को भी दबा दिया है भ्रष्टाचार के बल पर

मंदिर रिसीवर रमाकांत के मुख्यमंत्री योगी से व्यक्तिगत संबंध इस कारण दवा दी है जांच

विज्ञापन के नाम पर खरीद लेते हैं संवाददाता ब्यूरो चीफ पत्रकारों को मंदिर रिसीवर रमाकांत

मथुरा उत्तर प्रदेश  से डॉ0 केशव आचार्य गोस्वामी स्पेशल रिपोर्ट बोलती खबरें


मथुरा,उत्तरप्रदेश ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08,जूून,2020 )। कोविड 19 महामारी के चलते एक तरह गरीब लाचार लोग दो जून की रोटियों के लिए हाथ फैलाते नजर आ रहे थे या हैं तो दूसरी तरफ मौका परस्त घोटाले बाज लोगों ने मौका देख साम दाम दण्ड भेद की नीति अपनाते हुए अपनी तिजोरियों को भरने में लगे रहे जिसका एक उदाहरण श्री गिर्राज मुकुट मुखारबिंद मंदिर पर भी देखने को मिला।
जनपद के कस्बा गोवर्धन में दो प्रमुख मंदिर क्रमशः श्री गिर्राज दानघाटी मंदिर बड़ा बाजार व श्री मुकुट मुखारविंद मंदिर दसविसा हैं जो अकूत सम्पत्तियों के स्वामी है जहां स्वामित्व को लेकर विवाद हैं जो न्यायालयों में लंबित है और मंदिर प्रबंधन के लिए न्यायालयों ने प्रबन्धक व रिसिबर नियुक्त किये हुए हैं।
 विगत वर्ष में करोड़ों रुपयों का घोटाला हुआ जिसमें  घोटाले का आरोपी डालचंद चौधरी प्रबन्धक था जिस पर करीब चौदह करोड़ रुपयों के घोटाले का आरोप है जो विगत वर्ष 2019 से जेल में निरुद्ध है व उच्च न्यायालय से भी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है तो गिर्राज मुकुट मुखारबिंद दसविसा मंदिर के रिसिबर रमाकांत गोस्वामी हैं जिन पर भृष्टाचार के सम्बन्ध में डालचंद चौधरी से कई गुना अधिक रकम के आरोप हैं विरुद्ध घोटालों की लम्बी फेहरिस्त है जिस पर शासन स्तर  से जांच भी चल रही है व  प्रकाश में आया है तथा तत्कालीन उप जिलाधिकारी गोवर्धन ने अपनी जांच आख्या जिलाधिकारी मथुरा को प्रषित करते हुए मंदिर में भारी अनियमितताओं का ज़िक्र करते हुए घोटाला होंना पाया गया था तथा जिलाधिकारी मथुरा के द्वारा उक्त रिपोर्ट मा जनपद न्यायालय में प्रेषित कर दी गई व एनजीटी में भी उक्त बिंदु पर सुनवाई हुई जिस पर जांच एसआईटी के सुपर्द कर दी गई जो प्रचलित है ।
रमाकांत गोस्वामी को अच्छी प्रकार अपना परिणाम मालूम है पर चोर चोरी से जाए हेराफेरी से न जाये वाली कहाबत को चरित्रारथ करते हुए नए कारनामे को अंजाम लॉक डाउन शुरू हुआ तभी से दिया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार जब से लॉक डाउन हुआ है तभी से मंदिर बन्द हैं उसी का फायदा उठाते हुए रमाकांत गोस्वामी के द्वारा गुपचुप तरीके से मंदिर में लगे बेहतरीन कोटा स्टोन के फर्श को तुड़वा कर नया मकराने का फर्श लगवाया जा रहा है जिससे भृष्टाचार के साथ  तमाम अन्य प्रशनों ने जन्म लिया जैसे लॉक डाउन में लेबर कहाँ से आयी मकराना कहाँ से मिला लॉक डाउन उल्लंघन का होना आदि आदि ।रिसीबर के इस कृत्य से मा0 न्यायालय में विचाराधीन वाद के वादी तथा प्रतिवादियों में काफी आक्रोश है अब देखना यह है आगामी समय मे न्यायालय द्वारा क्या संज्ञान लिया जाता है। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा डॉ केशव आचार्य गोस्वामी की रिपोर्ट प्रकाशित।  

Published by Rajesh Kumar verma 

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