मुख्यमंत्री द्वारा संचालित सात निश्चय योजना एक बड़ा घोटाला लूट का दुसरा नाम नल जल योजना बिहार

मुख्यमंत्री द्वारा संचालित सात निश्चय योजना एक बड़ा घोटाला लूट का दुसरा नाम नल जल योजना बिहार 

समस्तीपुर में नल-जल का हाल बेहाल, कमीशन के खेल में योजना फेल

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

नाराज मुहल्लेवासियों ने वार्ड पार्षद के आवास पर किया जुटकर हंगामा 

वार्ड पार्षद ने नगर परिषद् प्रशासन पर लगाया अनियमितता का आरोप 

वार्ड पार्षद नंदिनी कुमारी ने बताया कि लोगों कि हो रही समस्या के बारे में नप प्रशासन को कई बार लिखित रूप से एवं मौखिक रुप से अवगत करा चुकी हुं। महिला एवं अल्पसंख्यक पंजाबी होने के कारण मेरे बातों को कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नकार दिया जाता है साथ ही टाल मटोल भरा जवाब देकर चुप करा दिया जाता है। वही दुसरी तरफ कनीय अभियंता अरविन्द कुमार न ही  मेरा फोन उठाते और न ही मिल कर  मेरी समस्याओं को सुनते है ।

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 अगस्त, 2020 ) ।  नल-जल का हाल बेहाल, कमीशन के खेल में योजना फेल ।
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत कल्याणकारी योजनाओं में काम से अधिक कमीशन का खेल दिखाई दे रहा है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल नल का जल का हाल बेहाल है। गर्मी की शुरुआत में शहर में पानी की किल्लत लोगों को सताने लगी है। शहर के सघन आबादी वाले क्षेत्र पंजाबी कॉलोनी वार्ड संख्या 1,2,3 एवं 9 में इन दिनों लाखों लोग नल का जल के लिए त्राहिमाम कर रही है । वही नप प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद में सो रही है। कार्यपालक पदाधिकारी ने मानों यह ठान लिया है कि बिना कोई बड़े एप्रोच या पैरवी के कोई काम नही करना है । नाराज महिलाओं ने वार्ड पार्षद नंदिनी कुमारी के घर के आगे हंगामा कर दिया और नगर पालिका को जम कर कोसा। साथ ही साथ कार्यपालक पदाधिकारी रजनीश कुमार पर आरोप लगाते हुए बताया कि नल जल योजना एक बहुत बड़ा घोटाला है ! 

जिसकी जिलाधिकारी महोदय स्वयं जांच कर दोषियों पर अविलम्ब कार्यवाही करें । गुस्साई महिलाओं में इसरत जहाँ , ज्योति तनेजा, निलम देवी, सोनी तनेजा, विमला देवी, सरिता देवी, विणा देवी, चंद्रकला देवी ने नारेबाजी करते हुए कहाँ यदि हमारे घरों तक पानी नही पहुँचेगा तो कैसे जीवन चलेगा । इस बाबत पर वार्ड पार्षद नंदिनी कुमारी ने बताया कि लोगों कि हो रही समस्या के बारे में नप प्रशासन को कई बार लिखित रूप से एवं मौखिक रुप से अवगत करा चुकी हुं। महिला एवं अल्पसंख्यक पंजाबी होने के कारण मेरे बातों को कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नकार दिया जाता है साथ ही टाल मटोल भरा जवाब देकर चुप करा दिया जाता है। वही दुसरी तरफ कनीय अभियंता अरविन्द कुमार न ही  मेरा फोन उठाते और न ही मिल कर  मेरी समस्याओं को सुनते है । उन्होंने ने यह भी आरोप लगाया कि बिना उनकी अनुसंधान कराये एवं बिना उनके हस्ताक्षर अथवा स्वीकृति के नल-जल योजना के तहत संवेदक को 39 लाख कि राशि का भुगतान कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि नल-जल के तहत चारो वार्ड में लगे मोटर का रख-रखाव एंव चलाने कि जिम्मेदारी कार्यपालक पदाधिकारी ने अपने साले चंदन कुमार को दे रखा है जिससे बहुत बड़े फंड के हेरा फेरी का मामला प्रतिक हो रहा है। वही अब शिकायत कर्ता शंभू शर्मा, दिपक शर्मा, नगेन्द्र शर्मा, राज नंदन गिरी इत्यादि ने बताया कि नप प्रशासन जलापूर्ति के नाम पर बस खानाापूर्ति कर रही है।

जो पाइप लाइन बिछाई गई थी । वह भी मानक क्वालिटी की नहींं है । जिसे बिना किसी जांच के पुरे मोहल्ले में बिछा दिया गया । जिससे साफ - साफ करोड़ो की राशि कि गवन कि बु आ रही है। नप के नए हुक्मरान आते रहे पर लोगों कि समस्या यथावत् बनी रही ।  वरीय अधिकारों के बार-बार निदेश आदेश के बाद भी उस पर अमल की बात बैमानी साबित हो रही है। मुहल्लेवासी कभी उन अधिकारियों को कोसते है जिनकी हाथ में नगर परिषद कि कमान है, वही अपने प्रतिनिधियों पर भी सवाल करते है, जो न तो जनता की परेशानीयो के लिए सड़क पर उतरे न ही हो रहे भष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाये।

नगर परिषद द्वारा नल जल योजना के नाम पर गत चार सालों में करोड़ों रुपये व्यय किए गए, सूत्रों की माने तो अधिकांश कार्य संचिकाओं में सीमित राशि निकाल ली गई। नगर परिषद की सशक्त समिति इसके लिए जहाँ कार्यपालक पदाधिकारी को कठघरे में खड़ा करती है, वही नप बोर्ड पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। बहरहाल अब ऐसी में देखने वाली बात यह है की कार्यपालिका एवं जिलाधिकारी कब एक्शन लेती है एवं जनता को हो रही समस्याओं से कब निजात दिलाती है।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राहुल कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Jankranti...

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