बरसात आ गई तो दरकने लगी ज़मीन सूखा मचा रही है ये बारिश तो देखिये नगर परिषद् का हाल

 बरसात आ गई तो दरकने लगी ज़मीन सूखा मचा रही है ये बारिश तो देखिये नगर परिषद् का हाल

समस्तीपुर का विकास नहीं होने वाला है, आप ठेहुने भर पानी को पार कर अपने घर जाइए और जब ड्राइंगरुम में बैठिए तो चर्चा करिए सुशांत सिंह राजपूत मर्डर मिस्ट्री पर, चीन-पाकिस्तान की हड़कत पर। अब आपको इस गंदगी में रहने की आदत हो गयी है। 

✍️ Sanjay kumar Report

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 18 अगस्त,2020 ) । आप मान लीजिये की आपके शहर समस्तीपुर का विकास नहीं होने वाला है, आप ठेहुने भर पानी को पार कर अपने घर जाइए और जब ड्राइंगरुम में बैठिए तो चर्चा करिए सुशांत सिंह राजपूत मर्डर मिस्ट्री पर, चीन-पाकिस्तान की हड़कत पर। अब आपको इस गंदगी में रहने की आदत हो गयी है। 
अभी नगर परिषद समस्तीपुर का जो कार्यकाल चल रहा है, यानी की जो वार्ड पार्षद, सभापति, उपसभापति को आपने चुना है, उनको जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 23 मई 2017 को नगर पार्षद बनने का प्रशस्ति पत्र दिया गया था, तबसे आज तक यानि सवा तीन साल बीतने के बाद नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के विरोध में पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया और दोनों पुनः उसी पद पर बने रह गए, जिस पद पर वे थे। चौंकाने वाली बात यह है की दोनों जगहों पर हमने देखा की जो पार्षदगण अविश्वास प्रस्ताव लाये थे, उनमे से कुछ लोग फिर उनके समर्थन में भी उतर गए, तो आप तो कम से कम इतना तो समझ ही गए होंगे की ऐसे ही कोई पाला नहीं बदलता। एक शायर ने भी कहा है:- कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी, यूँ ही कोई बेवफा नहीं होता।

तो आपके साथ आपके पार्षदगण किस मजबूरी में बेवफाई कर रहे हैं और किस कीमत पर कर रहे हैं, इस बात से आप भली-भांति वाकिफ है। तो भूल जाइए की आप उस शहर के नागरिक हो गए हैं, जो सभी को मुफ्त में नरकलोक का दर्शन कराती है। आप भूल जाइए प्रधान सेवक की योजना, जिसमे सभी को “स्वच्छ भारत” का सपना दिखाया गया था और सपने दिखाने के एवज में, विज्ञापन के नाम पर आपके पॉकेट से धनराशि लेकर बड़े मीडिया घरानों तक  करोड़ों रुपए पहुंचाए गए। आप उसी तरह अपनी बहस में सुशांत सिंह राजपूत मर्डर मिस्ट्री, मंदिर- मस्जिद मुद्दा, हिन्दू-मुस्लिम, धारा 370, तीन तलाक, एनआरसी, चीन-पाकिस्तान पर चर्चा करते रहिए। आपके साथ अब हमें भी लगने लगा है की हमारी और आपकी असल समस्याएँ यही मुद्दे हैं। अरे क्या हुआ अगर हम कुड़े के ढेर पर बैठे शहर के नागरिक कहलाते हैं, क्या हुआ अगर हम एकाध घंटा उस जाम में फंस जाते हैं, जहां शहर की सड़कों को अतिक्रमणकारियों ने घेर रखा है। हमारा असल मुद्दा वही है जो टीवी चैनल हमें चौबीसों घंटे दिखाते हैं, हम उस मुद्दे पर अटके रहेंगे और अपनी देश्भक्ति को प्रमाणित करते रहेंगे। 

जय हिन्द- जय भारत समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा संजय कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Jankranti...

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