संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर हमला बन्द करो : सुरेन्द्र सिंह


संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर हमला बन्द करो : सुरेन्द्र सिंह

प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर के नाम पर राजनीति के खिलाफ माले ने किया प्रतिवाद प्रदर्शन

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर मंदिर के नाम पर राजनीति करने के खिलाफ भाकपा माले द्वारा घोषित देशव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत बुधवार को शहर के विवेक- विहार मुहल्ला में प्रतिवाद प्रदर्शन किया गया । 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 5 अगस्त, 2020 ) । संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर मंदिर के नाम पर राजनीति करने के खिलाफ भाकपा माले द्वारा घोषित देशव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत बुधवार को शहर के विवेक- विहार मुहल्ला में प्रतिवाद प्रदर्शन किया गया. मौके पर  माले कार्यकर्ता अपने- अपने बाहों पर काली पट्टी बांधे हाथों में झंडे, बैनर एवं नारे लिखे तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे. माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आहूत कार्यक्रम को ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह, माले नेत्री नीलम देवी, विश्वनाथ गुप्ता, मिथिलेश कुमार, मो० सगीर आदि ने संबोधित किया ।


  अपने अध्यक्षीय भाषण में माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर रहे हैं. अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह सरकारी आयोजन में तब्दील हो चुका है. उत्तर प्रदेश के प्रशासन और केंद्र सरकार की इसमें पूर्ण भागीदारी, भारतीय संविधान की मूल भावना को सोच समझ कर नष्ट करने का कृत्य है. सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले ने मंदिर निर्माण की राह खोली, उसी फैसले में 06 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढाहने की आपराधिक कृत्य के रूप में स्पष्ट तौर पर आलोचना की गयी है।

केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री के स्तर पर भूमि पूजन में शरीक होना, उस अपराध को वैधता प्रदान करने की कार्यवाही है. यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त का मखौल उड़ाना तो है ही, भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर भी हमला है. यह आयोजन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी कोविड 19 से बचाव के प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन है, जिसमें धार्मिक आयोजनों, बड़ी जुटान एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की भागीदारी पर रोक है । अयोध्या में पुजारी और तैनात पुलिस वालों का कोरोना पॉज़िटिव पाया जाना, बढ़ती महामारी के बीच लोगों को आमंत्रित करने से मानव जीवन के लिए पैदा किए जा रहे खतरे को रेखांकित करता है ! राम मंदिर को कोरोना वाइरस का इलाज बताने वाले भाजपा नेताओं के बयान संघ-भाजपा की धर्मांधता और कोरोना महामारी के बीच सरकार की अनुपयुक्त प्राथमिकताओं को ही दर्शाते हैं । जब कोरोना के केस दिन दूनी-रात चौगुनी गति से बढ़ रहे हैं, तब सरकार अपनी पूर्ण विफलता को लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ के जरिये ढकना चाहती है.हम जनता से अपील करते हैं धर्म का राजनीतिकरण करने और जन स्वास्थ्य के बजाय धार्मिक आयोजन को प्राथमिकता देने के मोदी सरकार की कार्यवाही को खारिज करें और धर्मनिरपेक्षता व न्याय के संवैधानिक उसूलों को बुलंद करें । 


उच्चतम न्यायालय जिसने अयोध्या की जमीन मंदिर ट्रस्ट को दी, उसने यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना एक अपराध था. भारत के प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी सरकारें, शिलान्यास में शामिल हो कर उस आपराधिक कृत्य का राजनीतिक लाभ क्यूँ उठाना चाहते हैं? भारत के नागरिक के तौर पर हम बाबरी मस्जिद गिराने के अपराधियों को राजनीतिक लाभ नहीं सजा दिये जाने की मांग करते हैं । 
 माले नेता सुरेन्द्र ने कहा कि अनलॉक-3 के दिशा - निर्देशों के अनुसार सभी धार्मिक आयोजनों पर रोक है और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को घर पर और भीड़भाड़ से अलग रहने की सलाह दी गयी है. जब 69 वर्षीय प्रधानमंत्री इन दिशा निर्देशन का उल्लंघन करते हैं और धार्मिक समारोह में शामिल होते हैं, क्या वे सभी भारतीयों को कोरोना से बचाव के दिशा - निर्देशों को अनदेखा करने और उनका उल्लंघन करने के लिए  उकसा नहीं रहे हैं ..?
भारत का संविधान इस बात में दृढ़ है कि धर्म और राजनीति का मिश्रण नहीं होना चाहिए. तब भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्यूँ एक मंदिर के भूमिपूजन समारोह से राजनीतिक लाभ बटोरने की कोशिश कर रहे हैं ...?


पूरा देश कोविड-19 और लॉकडाउन संकट से जूझ रहा है, साथ ही बाढ़ भी झेल रहा है, जो हर साल अपने साथ अन्य महामारियां भी लाती है. ऐसे समय में जनता को इन जानलेवा संकटों से बचाने के बजाय भारत के प्रधानमंत्री, मंदिर के शिलान्यास समारोह को राजनीतिक मंच में तब्दील करने में क्यों व्यस्त हैं..?

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Jankranti...

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