अध्यात्म विचार.. 👉🙏🏿🌹सुप्रभात् मित्रों...🌹🙏🏿👈 👉🙏🏿🌹भोलेनाथ की कृपा से आजका दिन मंगलमय हो.🌹🙏🏿👈 👉☝️ ~ *आज का अध्यात्मिक शुभ विचार * ~☝️👈

 अध्यात्म विचार..               

              👉🙏🏿🌹सुप्रभात् मित्रों...🌹🙏🏿👈
👉🙏🏿🌹भोलेनाथ की कृपा से आजका दिन मंगलमय हो.🌹🙏🏿👈
👉☝️ ~ *आज का अध्यात्मिक शुभ विचार * ~☝️👈



जनक्रान्ति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्मिक विचार


समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 मार्च, 2021 ) ।  जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन /डेलीहंट प्रकाशन परिवार की ओर से मार्च माह का पहला सोमवार आप सभी के लिए मंगलमयी हो ...इसी आशा और विश्वास के साथ तमाम देशवासियों को सुबह का राम राम.....

                                     🌹🌷🙏सुप्रभात🙏🌷🌹


दिनांक 02 मार्च 2021
दिन - मंगलवार
विक्रम संवत - 2077
शक संवत - 1942
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - फाल्गुन
पक्ष - कृष्ण
तिथि - चतुर्थी 03 मार्च प्रातः 03:00 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र - हस्त 03 मार्च प्रातः 03:29 तक तत्पश्चात स्वाती
सूर्योदय - 06:59
सूर्यास्त - 18:42
व्रत पर्व विवरण - अंगारकी-मंगलवारी चतुर्थी  (सूर्योदय से 03 मार्च प्रातः 03:00 तक), संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:58
            👉🙏🏿🌹आजका शुभ विचार..🌹🙏🏿👈


🌷 मंगलवारी चतुर्थी 🌷
🙏🏻 मंत्र जप व शुभ संकल्प की सिद्धि के लिए विशेष योग
🙏🏻 मंगलवारी चतुर्थी को किये गए जप-संकल्प, मौन व यज्ञ का फल अक्षय होता है ।
💵 कितना भी कर्ज़दार हो ..काम धंधे से बेरोजगार हो ..रोज़ी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा
🌷 कोई कष्ट हो तो🌷
🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या । ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है । उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों।
👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं –
🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और  जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
🌷 ॐ अविघ्नाय नम:
🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
                            🙏🏿🙏🏻🌹श्री राधे राधे🌹🙏🏻🙏🏿


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्मिक विचार प्रकाशित व प्रसारित । 

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