01 अप्रैल फूल दिवस..... अप्रैल_फूल_की_वास्तविकता

 01 अप्रैल फूल दिवस.....

                     अप्रैल_फूल_की_वास्तविकता
                                      Aprail phool

जनक्रान्ति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा

समाचार डेस्क ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 अप्रैल,2021 ) । अप्रैल फूल,
"अप्रैल फूल"  किसी को कहने से पहले
इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान  ले.!!
पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस
कह रहे हो !!
पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल
का अर्थ है - हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).??
ये नाम अंग्रेज ईसाईयों की देन है…
अनजान हिन्दू कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब ! बड़े
दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल,
अप्रैल फूल ???
इसका मतलब क्या है.??

दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो
द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस
समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 01 अप्रैल से
अपना नया साल मनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओं
द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही खाते,
और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 01 अप्रैल से शुरू
होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत
ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते
हुए 01 अप्रैल को मूर्खता दिवस "अप्रैल फूल" का नाम
दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे,  अब आप
ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने
सही हो आप ..!
याद रखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और
त्यौहार..
1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है
(शुक्ल प्रतिपदा)
2. हिन्दुओं के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कैलेण्डर
के अनुसार बनाये जाते है।
आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।
अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुद्ध  थे इसलिए हिन्दू के
त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप
हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!!
गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख
के.!!
अप्रैल फूल सिर्फ भारतीय सनातन कैलेण्डर, जिसको
पूरा विश्व अनुकरण करता था उसको भुलाने और
मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप
ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान
जारी कर दिया जिसमें 01 जनवरी को नया साल का प्रथम
दिन बनाया गया।
जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 01
अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-
धीरे 01 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख
दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही
संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे
है।
इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली 01 अप्रैल से मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद हो जाये ।
इस दिन किसी के साथ भी कोई बेहूदा या बचकाना मजाक न करें।
जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा नागेन्द्र कुमार सिन्हा की सम्प्रेषित काव्य रचना बिहार कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित ।

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