अध्यात्मिक विचार अनुसार आजका दैनिक पंचांग

 अध्यात्मिक विचार अनुसार आजका दैनिक पंचांग

जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार

आजका पंचांग....
तिथि : 29 मई 2021
रोज : शनिवार
विक्रम संवत -2077/ 2078
शक संवत - 1943
अयन - उत्तरायण
ऋतु - ग्रीष्म
मास - ज्येष्ठ/ वैशाख
पक्ष - कृष्ण
तिथि - तृतीया सुबह 06:33 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र - पूर्वाषाढा शाम 06:04 तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग - शुभ सुबह 11:30 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहुकाल - सुबह 09:17 से सुबह 10:56 तक
सूर्योदय - 05:58
सूर्यास्त - 19:14
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 10:41), चतुर्थी क्षय तिथि
विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) ।
         ॥आजका अध्यात्मिक विचार॥
गर्मियों में बलप्रद व स्वास्थ्यवर्धक आम
🍋 पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है। इसमें प्रोटीन,विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं ।
🍋 आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लानेवाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करनेवाला है । यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है तथा कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करनेवाला एवं भूख बढ़ानेवाला है ।
🍋इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है ।
🍋शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पका आम लाभकारक है ।कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है । रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है । यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुँचाता है । इसके सेवन से रक्त,मांस आदि सप्तधातुओं तथा वासा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है | यूनानी डॉक्टरों के मतानुसार पका आम आलस्य दूर करता है, मूत्र साफ़ लाता है, क्षयरोग (टी.बी.)मिटाता है तथा गुर्दें व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक है ।
💊 औषधि-प्रयोग 💊


🍋 भूखवृद्धि : आम के रस में घी और सौंठ डालकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होता है । वायु रोग या पाचनतंत्र की दुर्बलता : आम के रस में अदरक मिलाकर लेना हितकारी है ।
🍋 शहद के साथ पके आम के सेवन से प्लीहा, वायु और कफ के दोष तथा क्षयरोग दूर होता है ।
🍋आम का पना : केरी (कच्चा आम ) को पानी में उबालें अथवा गोबर के कंडे की आग में दबा दें । भुन जाने पर छिलका उतार दें और गूदा मथकर उसमें गुड, जीरा, धनिया, काली मिर्च तथा नमक मिलाकर दोबारा मथें ।आवश्यकता अनुसार पानी मिलायें और पियें ।
🍋 लू लगने पर : उपरोक्त आम का पना एक-एक कप दिन में २ - ३ बार पियें ।
🍋 भुने हुए कच्चे आम के गूदेको पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है ।
🍋 वजन बढ़ाने के लिए : पके और मीठे आम नियमित रूप से खाने से दुबले - पतले व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है |*
🍋 दस्त में रक्त आने पर : छाछ में आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है ।
🍋 पेट के कीड़े : सुबह चौथाई चम्मच आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते है ।
🍋 प्रदर रोग : आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त-प्रदर में लाभ होता है ।
🍋 दाँतों के रोग : आम के पत्तों को खूब चबा-चबाकर थूकते रहने से कुछ ही दोनों में दाँतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है । आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया ठीक होता है |*
🍋 घमौरियाँ : आम की गुठली के चूर्ण से स्नान करने से घमौरियाँ दूर होती है ।
🍋 पुष्ट और सुडौल शरीर : यदि एक वक्त के आहार में सुबह या शाम केवल आम चूसकर जरा-सा अदरक लें तथा डेढ -दो घंटे के बाद दूध पियें तो ४० दिन में शरीर पुष्ट व सुडौल हो जाता । आम और दूध एक साथ खाना आयुर्वेद की दृष्टि से विरुद्ध आहार है ।इससे आगे चलकर चमड़ी के रोग होते हैं ।
🌕 सावधानी : खाने के पहले आम को पानी में रखना चाहिए !  इससे उसकी गर्मी निकल जाती है । भूखे पेट आम नहीं खाना चाहिए ।अधिक आम खाने से गैस बनती है और पेट के विकार पैदा होते हैं  ।कच्चा, खट्टा तथा अति पका हुआ आम खाने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है । कच्चे आम के सीधे सेवन से कब्ज व मंदाग्नि हो सकती है ।
बाजार में बिकनेवाला डिब्बाबंद आम का रस स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता है । लम्बे समय तक रखा हुआ बासी रस वायुकारक, पचने में भारी एवं ह्रदय के लिए अहितकर है ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा नागेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यात्मिक ज्योतिष विचार प्रकाशित व प्रसारित ।

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