प्रताड़ना की शिकार रहीं पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

 प्रताड़ना की शिकार रहीं पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


यौन शोषण से पीड़ित लोग हो सकते हैं मानसिक रोग के शिकार : -डॉ॰ मनोज कुमार

पटना,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 दिसम्बर, 2021) । बिहार लीगल नेटवर्क व इजार्ड ,पटना के तत्वावधान में राज्य स्तर पर हीलींग कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में गैंगरेप,दुष्कर्म पीङीता व अन्य किसी भी प्रकार के यौन हिंसा से पीड़ित, युवतियों, महिलाओं व पूर्व में भी इस प्रताङना की शिकार रहीं पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना के  संपत्तचक प्रखंड में स्थित द इगल व्यू होटल में किया गया ।

इस अवसर पर मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा पीड़िता को संबोधित करते हुए बताया गया की किसी भी प्रकार के अनचाहे यौन शोषण से बहुत तरह के मानसिक समस्या पैदा हो सकती है। उन्होंने बताया की जबड़न किये गये यौन व्यवहार का असर काफी गहरे रूप में मन-मस्तिष्क पर पङता है। बचपन में किसी अपनों द्वारा या भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से स्पर्श करना भी कोमल मन पर लंबे समय तक असर करता है। बहुत बार व्यक्ति इस तरह के अनुभव भूल नही पाता। नतीजतन गुस्सा ,चिड़चिड़ापन व एकाकी जीवन में पीड़ित व्यक्ति विश्वास करने लगता है ।अनचाहे यौन उत्पीड़न द्वारा मानसिक रूप से बीमार होने के चांसेज बढ जाते हैं। पीटीएसडी जैसी मानसिक समस्या रेप और सामूहिक दुषकर्म पीड़ित लोग हो सकते हैं। इस समस्या में व्यक्ति को बुरे अनुभव का पिक्चर बार-बार दिमाग में आता रहता है। व्यक्ति अपने विचारों में भी खराब अनुभवों को जिंदा रखता है। जिससे उसका वर्तमान जीवन प्रभावित होकर उसके व्यक्तिगत क्षमता को लील जाता है।संवाददातो को संबोधित करते हुए वह बतातें हैं की अनेकों मामलों में व्यक्ति अवसाद में चला जाता है। कुछ मामलों में आत्महत्या का प्रयास और कुछ केसेज में जीवन की इहलीला समाप्ति करने का एक कारण यौन उत्पीड़न भी है।

डॉ॰ मनोज ने इस घटना से पीड़ित छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा की जब आपको कोई व्यक्ति गलत तरीके से छुता है तो ऐसी स्थिति में महिला थाने ,महिला हेल्पलाइन व सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए जारी हेल्पलाइन नं पर सूचना देना चाहिए। समाज में पीड़ित को भरोसेमंद व्यक्ति से अपनी बातें साझा करनी चाहिए। रेप और यौन उत्पीड़न के शिकार महिलाओं व युवतियों को अपनी आवाज बुलंद करके भी वह इस तरह के होनेवाले मानसिक समस्या से बच सकती हैं।


इस अवसर पर संस्था की प्रमुख व पटना उच्च न्यायालय की  वरिय एडवोकेट सविता अली ने बताया की उनका संगठन विगत कुछ वर्षों से समाज में इस समस्या से पीड़ित महिलाओं के लिए फ्री कानूनी मदद मुहैया करा रही हैं।उन्होनें संवाददाता को यह भी बताया की अधिकतर रेप पीड़ित महिलाएं डर कर चुप रह जाती हैं। लोक लाज के भय से वह अपना आत्मसम्मान खो देती है। समाज को इस तरह के पीड़ित के साथ भेदभाव नही करना चाहिए ।आज के कार्यशाला में 50 से अधिक पीड़िता ने भाग लिए जो इस समस्या की शिकार हो चुकी थी।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित

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