पत्रकार को खबर लिखने से रोका नहीं जा सकता - न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट
पत्रकार को खबर लिखने से रोका नहीं जा सकता - न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट
जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट
पत्रकार देश का चौथा स्तंभ माना जाता है और यह हमेशा देश को मजबूत करने और स्वस्थ समाज की परिकल्पना की आवाज को अपनी लेखनी से उजागर करता है : पत्रकार संघ
जिस तरह से न्यायालय में वकीलों को बहस करने से नहीं रोका जा सकता है उसी प्रकार पत्रकार को खबर लिखने से नहीं रोका जा सकता : पत्रकार संघ
नई दिल्ली, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 25 जुलाई, 2022) । पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता परे देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने एक फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार के पत्रकार के अधिवक्ता के द्वारा सरकार के खिलाफ भविष्य में न लिखने के शर्त के साथ जमानत देने का अनुरोध किया था।
जिस पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने पत्रकारों को कुछ कहने या लिखने से नहीं रोकने की व्यवस्था देते हुए कहा कि बिल्कुल वैसा होगा कि हम एक वकील से यह कहें कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए ।
नेशनल युनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया की अयोध्या ईकाई ने सुप्रीम कोर्ट के इस सुप्रीम फैसले का स्वागत करते हुए पूरे देश के पत्रकार संगठनों की तरफ से धन्यवाद ज्ञापन दिया है और कहां है कि पत्रकार देश का चौथा स्तंभ माना जाता है और यह हमेशा देश को मजबूत करने और स्वस्थ समाज की परिकल्पना की आवाज को अपनी लेखनी से उजागर करता है ।
इसलिए इसके स्वस्थ लेखन पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक ना लगाकर देश की प्रशासनिक अधिकारियों को एक संदेश दिया। अनेक पत्रकारों ने माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुऐ कहा जिस तरह से न्यायालय में वकीलों को बहस करने से नहीं रोका जा सकता है उसी प्रकार पत्रकार को खबर लिखने से नहीं रोका जा सकता । सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को और मजबूत बनाया हैँ ।
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।
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